करी धूप गाए जे एम ‘दत्तबावनी’ आ सप्रेम,
सुधरे तेना बंने लोक, रहे न तेने क्यांये शोक !
दासी सिद्धि तेनी थाय, दुःख दारिद्रय तेनां जाय !
बावन गुरुवारे नित नेम, करे पाठ बावन सप्रेम,
- नित्य 52 दत्त बावनी पाठ 2 नित्य गुरु पादक पुजन
- नित्य पंच देव पुजन अर्चन
- नित्य नवग्रह क्षेत्रपाल, 64 योगिनी पुजन
- नित्य सूर्य अद्रय वंदन एक सहस्त्रनाम अर्चन
- नित्य श्री विचित्र वीर हनुमान पुजन
- नित्य होम, अगिनहोत्र यजन
- नित्य देव, ऋषि, पितृ तर्प
- नित्य वनस्पति अश्वत्थ पीपल विलम्ब एवं वड पुजन
- नित्य स्वस्ति पाठ
- नित्य रुद्राभिषेक
इस अनुष्ठान में कौन कौन भाग ले सकता है ?
जो भी व्यक्ति पञ्च देव ( श्री गणेश , भगवान् सूर्य , श्री विष्णु , शिव एवं देवी ) में आस्थान्वित है एवं सनातन संस्कृति अनुरूप अपने इस जीवन काल को क्रियान्वित कर रहा है वह व्यक्ति अपने स्वयं के अभ्युदय के लिए , गृहस्थ है तो अपने कुल परिवार पितृ गणों के सर्व विद मंगलाचरण के लिए एवं अगर कोई आध्यात्मिक साधना मार्ग पर अग्रसर हो अध्यात्मिक उन्नति को प्रयासरत है तो आप इस अनुष्ठान में अपना नाम गौत्र स्थान आदि वर्णन देकर इसमें भाग ले सकते हे जिस से अनुष्ठान प्रारम्भ में आपके देश काल नाम गौत्र एवं संकल्प का उच्चारण कर अनुष्ठान को आरम्भ किया जाएगा
श्री गुरु कृपा प्राप्ति , पितृ दोष , गृह दोष , साधना में प्रगति एवं दैवीय मार्गदर्शन , शारीरक मानसिक रोग , भुत प्रेत तंत्र आदि बाधा के लिए आप श्मेंरी श्रद्धा रख इस अनुष्ठान में भाग ले सकते है
भोगे न योगे न वा वाजिराजौ न कान्तासुखे नैव वित्तेषु चित्तम् ।
मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम्
1 अनुष्ठान के लाभ
- शाररिक मानसिक रोगों की
- भुत, प्रेत, देग्रह, तंत्र पितृ बाधा निवारण
- कुल देव देवी की प्रसन्ता के लिए
- जीवन में गुरु सता से दिव्य मार्गदर्शन के लिए
- अन्य कोई भी धर्मयुक्त संकल्पित कार्य की सिद्धि के लिए
2 अनुष्ठान मै आपका संकलप केसे होगा
अनुष्ठान मे संकल्प मे आपका नाम, गोत्र विधिपुर्वक उच्चारण कर संकल्प लिया जायेगा
3 अनुष्ठान मे कोन भाग ले सकता है
कोई भी व्यक्ति स्त्री पुरुष विद्यार्थी, साधक अपने धर्म संगत उचीत कार्य की सिद्धि के लिए इस अनुष्ठान मे भाग ले सकता है